The glory of the Name of God cannot
be established through reasoning and
intellect. It can certainly be experienced
or realized, only through devotion,
faith and constant repetition.
(Swami Sivananda)
ईश्वर के नाम की महिमा को बुद्धि और तर्क के
आधार पर स्थापित नहीं किया जा सकता|
इसे निश्चित रूप से भक्ति, विशवास और सतत
अभ्यास के द्वारा अनुभव किया जा सकता है|