Akash Mandal 03 September 2022
Dr J C Vashista (Advocate) 03 September 2022
The facts posted suggest multiple queries, as the concept of dowry and stridhan; divorce of the couple; disposal of the articles / property at the time of passing a decree of divorce; involvement of deceased father in-law etc. what is the actual dispute / problem vis-a-vis your locus standi ????
Section 27 of Hindu Marriage Act, 1955 enshrines as:
27 Disposal of property. In any proceeding under this Act, the court may make such provisions in the decree as it deems just and proper with respect to any property presented, at or about the time of marriage, which may belong jointly to both the husband and the wife.
Prima facie it is not a real story but a hypothetical and time pass question.
Akash Mandal 03 September 2022
समाज की पत्रिका के माध्यम से मेरे ससुराल वालों ने मेरा रिश्ता तय किया था तथा मेरे मायके की आर्थिक स्थित उनसे छिपी नहीं थी । इसके बावजूद काफी दहेज लेकर उन्होने मेरी शादी 22 नवम्बर 2015 को हिन्दू रिति रिवाज से करवाई । विवाह की रस्म परशुराम भवन सेक्टर-2 में दोनो पक्षों की उपस्थिति में संपन्न हुई। सगाई के समय मेरे पिता के द्वारा ससुराल वालो को 3 लाख दिये गये और विवाह के समय 2-2 लाख के तीन चेक (6 लाख) मेरे ससुर ने मेरे पिताजी से लियें । (मेरे ससुर उस समय XXXX की सर्विस में थे और उनका देहांत मेरी शादी के लगभग देवं साल 18 फरवरी 2017 को हुआ) ससुराल वालों के दबाव के कारण दहेज में मेरे पिताजी को 11 लाख 101 रूपये नगद तिलक के समय देने के लिए मजबूर किया गया इसके अतिरिक्त सोने की चेन, कपडे व अन्य सामान जिनकी कीमत लाढ़े तीन लाख दी मेरे पिताजी को देना पड़ गया. इसके बाद भी मेरे ससुराल वालों विशेष रूप से मेरी सास दहेज के लिए ताना मारते रहती है कहती है तुम्हारे मायके वालों ने क्या दिया जब कि मेरे बेटे के लिए अच्छे रिश्तों की लाईन लगी थी। जबकि सत्य यह है कि मेरे लोभी पति और ससुराल वालों के उपर 25 लाख से उपर खर्च करने पड गये ।" –complaint given by wife at Mahila Thana on 04/2021
”यह कि विवाह के समय आवेदिका के पिता शत्रुधन चौरासिया द्वारा उपहार स्वरूप अपनी पुत्री को रकम 6,00,000/-रूपये, अनावेदक के पिता दिलीप मंडल के एकाउंट में चेक के माध्यम से दिनांक- 03/12/2015 को ट्रांसफर किया गया जो कि चेक क्रमांक- क्रमशः 9330, 9312, 9311 रकम क्रमश: 2,00,000/-, 2,00,000/-,2,00,000/- इस तरह कुल 6,00,000/-(6 लाख रूपये) प्रदान किया गया था परंतु घटना दिनांक से लेकर आज दिनांक तक आवेदिका को उसके पिता के द्वारा दिये गये उपहार स्वरूप राशि को अनावेदकगणों के द्वारा आवेदिका को वापस कये जाने में आनाकानी किया जा रहा है एवं दुर्व्यवहार किया जा रहा है।” – HMA 27 by wife filed on 06/2022.
Sir..these are the two statements submitted by my wife at police station afterwards infornt of family court.