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Swami Sadashiva Brahmendra Sar (Nil)     17 October 2009

service jurisprudence in ancient India (1)

सद्ग्रंथों में सेवा विधिशास्त्र

साहित्य एवं विधि दोनों ही समाज की इच्छा की अभिव्यक्ति हैं इस कड़ी में प्रस्तुत हैं सद्ग्रंथों से कुछ उद्धरण जो सेवा विधिशास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों को इंगित करते हैं :
() वाल्मीकीय रामायण :
कारयित्वा महत् कर्म भर्ता भ्रित्यमनर्थकम
अधर्मो योअस्य सोअस्यास्तु यस्यार्योअनुमते गतः ॥२३॥

राजस्त्री बालवृद्धानाम वधे यत् पापमुच्यते
भृत्य त्यागे यत् पापं तत् पापं प्रतिपद्यताम ॥३७॥ (अयोध्याकाण्ड, ७५/२३, ३७)
उक्त दोनों कथन भरत जी के हैं जो उन्होंने श्री राम के वनवास के सम्बन्ध में कैकेयी से अपनी सहमति होने की सफाई देते हुए कोशल्या के समक्ष कहा। पहले श्लोक में उन्होंने कहा कि यदि श्री राम को वन में भेजने में मेरी सम्मति हो तो मुझे वही पाप लगे जो सेवक से कठिन काम कराकर उसे समुचित वेतन देने वाले स्वामी को लगता है। दूसरे श्लोक में उन्होंने सेवक के निष्कासन को पञ्च महापातकों में से एक बताते हुए कहा कि यदि श्रीराम को वन भेजने में कैकेयी से मेरी सम्मति हो तो मुझे वही पाप लगे जो राजा , स्त्री , बालक एवं वृद्ध का वध करने तथा सेवक को त्याग देने में होता है।

भरत जी को चित्रकूट में नीति निर्देश देते हुए श्रीराम ने सेवकों को समय से वेतन देने के महत्व को बताते हुए कहा:
क्वचिद् बलस्य भक्तं वेतनं यथोचितं
सम्प्राप्तकालम दातव्यं ददासि विलम्बसे ३२॥
कालातिक्रमे ह्येव भक्त वेतनयोर्भ्रिता:
भर्तुरप्यतिकुप्प्यन्ति सोअनर्थ: सुमहान कृत: ॥३३॥ (वही, १००/३२,)

For more articles of similar nature , kindly see:

www.vidhiyog.blogspot.com



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 1 Replies

Ashish Ovalekar (Manager Legal & Compliance)     21 October 2009

Dear Mr. Tripathi,

Thanks for the valuable contribution.

But i think so that in todays world, these sayings have got little relevance.

Hard work is only appreciated till the time your superior Officer notices it, and if you are in good books of your superior officer, otherwise, hard work carries no value.

Payment is as per the whims and fancies of the employers. Work Contracts and outsourcing are the need of the day.

Minimum Wages is just a notification, which is hardly implemented.

Employee loyalty is based upon the pay package he receives.

Ashish


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