हमारी "श्री श्याम मित्र मंडल" के नाम से संस्था है l हम, इस संस्था के सदस्य, पिछले 10 वर्षो से इस संस्था का सञ्चालन कर रहे है l इस संस्था द्वारा प्रति वर्ष एक भजन संध्या का आयोजन किया जाता है l लेकिन इस संस्था को क़ानूनी रूप से पंजीकृत नहीं कराया गया था l हमारी इस संस्था में अगस्त 2011 की भजन संध्या में 50 सदस्य थे l संस्था में कुछ सदस्यों के बीच विवाद उत्पन्न होने की वजह से, उन विवादित सदस्यों (लगभग 10) ने मिलकर इस संस्था को क़ानूनी रूप से पंजीकृत करवाकर, अपना नाम सदस्यों के रूप में घोषित कर दिया l पुरानी संस्था में अभी भी 40 सदस्य है l संस्था का पंजीयन दिनांक 01 नवम्बर 2011 को किया गया है l उन विवादित सदस्यों द्वारा संस्था को पंजीकृत कराये जाने से संस्था के बाकी बचे सदस्यों के खिलाफ नाइंसाफी हुई है l संस्था के द्वारा प्रति वर्ष जिस भजन संध्या का आयोजन किया जाता था, उस भजन संध्या के लिए SDM और नगर परिषद् की अनुमति लेनी पड़ती थी और संस्था के द्वारा जितनी भी भजन संध्या करवाई गयी, उन सब भजन संध्याओ की DVD, भजन संध्या से सम्बंधित क़ानूनी अनुमति पत्र और श्री श्याम मित्र मंडल संस्था का "शीर्षक पत्र" भी हमारे पास संरक्षित है l संस्था द्वारा जितनी भी भजन संध्या करवाई गयी है, उन सब भजन संध्याओ की अखबार में दी गयी प्रतिया भी हमारे पास संरक्षित है l
हम यह जानना चाहते है कि विवादित सदस्यों द्वारा "श्री श्याम मित्र मंडल" के नाम से संस्था का जो पंजीयन करवाया गया है, उस पंजीयन को किस आधार पर निरस्त किया जा सकता है l संस्था का पंजीयन कराये हुए अभी केवल 4 दिन ही हुए है l कृपया इस समस्या का जल्दी से हल बताइए l धन्यवाद