मध्यप्रदेश सरकार के सरकारी विभाग के एक शासकीय अधिकारी जो की प्रबंधक के पद पर है जिसने अपनी नौकरी के रहते हुए दो बार अनियमितताओ की वजह से सस्पेंड हुआ| उस अधिकारी का रिटायरमेंट दिनांक 30.06.2014 को नौकरी पर रहते हुए हुआ| उस अधिकारी पर अभी departmental inquiry चल रही है एवं आज दिनांक 11.08.2014 को RTI 2005 के तहत मिली जानकारी के अनुसार उस अधिकारी ने दिनांक 12.04.2005 को अपने नाम(प्रोपरायटरशिप) से व्यापार व्यवसाय के लिए टिन नंबर ले रखा है साथ ही धान मंडी में व्यवसाय हेतु अपने ही नाम से अनुज्ञप्ति(लाइसेंस) दिनांक 08.03.2010 से ले रखा है | इन्होंने अपने पुरे जीवन काल में सरकार को , जनता को, सबको लुटा ही है| में एक RTI एक्टिविस्ट हूँ मेरा इस फोरम के एक्सपर्ट से निवेदन है की मुझे सही तरह से इस अधिकारी पर कार्यवाही हेतु मार्गदर्शन दे की कौन कौन सी धाराओ का उलंघन होता है| किस किस प्रकार के केस इनपर लागु होते है| कैसे इस अधिकारी को सबके सामने लाकर में एक उदहारण बना सकता हु| बताये................ धन्यवाद