भोपाल. आप अगर किसी मामले में एफआईआर दर्ज कराना चाहते हैं, तो अब थाने के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि घर बैठे ही आप एफआईआर दर्ज करा सकेंगे।
हफ्तेभर बाद आप पुलिस से अपनी शिकायत पर हुई कार्रवाई का स्टे्टस भी पूछ सकेंगे। इसी साल अक्टूबर महीने में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्किग सिस्टम देशभर के सभी थानों में अमल में आ जाएगा।
इस सिस्टम के तहत देशभर के सभी 14 हजार थाने और 6 हजार पुलिस अफसरों के दफ्तर आपस में जुड़े रहेंगे। प्रतिष्ठित कंपनी विप्रो इसके लिए जरूरी साफ्टवेयर तैयार कर रही है। मार्च में उत्तरप्रदेश, केरल और असम के चुनिंदा थानों में पहले इसकी टेस्टिंग होगी, फिर इसमें जरूरी बदलाव कर अक्टूबर महीने से इसे देशभर में शुरू कर दिया जाएगा।
खास बात यह है कि इस सिस्टम के बाद थानों के पुलिसकर्मी रोजनामचा (थानों की दिनभर की गतिविधि का ब्यौरा)भी कम्प्यूटर पर ही लिखेंगे। थाने की हर एफआईआर ऑनलाइन होगी और देश के किसी भी हिस्से में दर्ज होने वाली एफआईआर की जानकारी पुलिस अफसरों से लेकर राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) तक तत्काल पहुंच जाएगी।
केस डायरी भी कम्प्यूटराइज्ड: सीसीटीएनएस सिस्टम शुरू होते ही हर मामले की केस डायरी भी ऑनलाइन बनेगी। किस मामले में कितनी विवेचना हुई, इसका ब्यौरा उस प्रदेश के तमाम अफसर और एनसीआरबी भी देख सकेगा। एनसीआरबी के डायरेक्टर एनके त्रिपाठी कहते हैं कि आने वाले दिनों में अदालत में भी ऑनलाइन केस डायरी ही पेश होगी।
इंटेलीजेंस एजेंसियों को भी मिलेगी मदद: एनआईए, सीबीआई, एटीएस, एसटीएफ और अन्य इंटेलीजेंस एजेंसियों को भी इससे मदद मिलेगी। हालांकि इन जांच एजेंसियों को सीसीटीएनएस से दूसरे चरण में वर्ष 2012 में जोड़ा जाएगा।
क्षेत्रीय भाषाओं में होगी एफआईआर : देशभर में शुरू होने वाले सीसीटीएनएस सिस्टम में छत्तीसगढ़ी, बांग्ला, उड़िया, मलयालम सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं में एफआईआर दर्ज होगी। इससे लोग अपनी भाषा में पुलिस को पूरी बात बता सकेंगे।
यह होगा फायदा
नहीं काटने पड़ेंगे थानों के चक्कर।
पेपरलेस होंगे थाने
सिस्टम में पारदर्शिता आएगी, पूछ सकेंगे कार्रवाई का ब्योरा।
अपराधों की विवेचना होगी आसान।
सिस्टम पारदर्शी होगा
पुलिस की कार्यप्रणाली में सीसीटीएनएस क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। सिस्टम और पारदर्शी बनेगा, लोगों को थाने के चक्कर नहीं काटने होंगे।
एनके त्रिपाठी,निदेशक,एनसीआरबी