Reform yourself first, then the whole world
can be reformed. How can you help the world
when you yourself are weak and ignorant?
It will be like a blind man leading another
blind man. Both must fall into a deep abyss.
(Swami Sivananda)
सर्वप्रथम स्वयं को सुधारें, तभी पूरा संसार सुधारा जा
सकता है| तुम संसार की सहायता किस प्रकार कर
सकते हो जब तुम स्वयं ही कमजोर और अज्ञानी हो|
यह तो एक अंधे आदमी का दूसरे अंधे आदमी को रास्ता
बताने जैसा ही होगा| दोनों ही गहरे गर्त में गिर जायेंगे|