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RTI के तहत जानकारी मांगने पर पैसों की मांग
आईबीएन-7
Sun, Nov 22, 2009 at 09:40 , Updated at Sun, Nov 22, 2009 सिटी खबरें सेक्शन
RTI के तहत जानकारी मांगने पर पंजाब यूनिवर्सिटी ने 12 लाख रुपए की मांग कर दी।
चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन का एक अनोखा रूप देखने को मिला है। एक छात्र की तरफ से आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी ने बारह लाख रुपए की मांग कर दी। यूनिवर्सिटी का कहना है कि जानकारी देने के लिए जो खर्च आएगा उसी की मांग की जा रही है। जबकि आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के लिए कोई रकम लेने का प्रावधान नहीं है।
दरअसल पंजाब यूनिवर्सिटी की ओर से सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवालों के बदले 12 लाख 22 हजार 378 रुपए की मांग की गई है। इसी यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई कर रहे वरुण मलिक ने पिछले पांच सालों में 13 छात्रावासों के नाम पर जारी की गई धनराशि और कुल खर्च की जानकारी मांगी। क्योंकि ये जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई थी इसलिए यूनिवर्सिटी इस पर कोई भी चार्ज नहीं लगा सकती।
लेकिन यूनिवर्सिटी की दलील है कि जो हिसाब वरुण मलिक मांग रहे हैं उसे देने के लिए 6 लाख दस हजार से भी ज्यादा रुपए के पेपर की जरूरत होगी। और इसमें कुल खर्चा 12 लाख से भी ज्यादा हो होगा। लेकिन वरुण ने यूनिवर्सिटी को साफ कर दिया की उसे ये जानकारी पेपर पर नहीं बल्कि सीडी में दे दी जाए। जिसके लिए खर्च कम होगा।
छात्र का आरोप है कि उसके बाद भी यूनिवर्सिटी उसे जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस सूचना को जानबूझ कर छुपाया जा रहा है। जब आईबीएन7 ने इस मामले में कुलपति से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ भी बताने से साफ इंकार कर दिया।
ये पहली बार नहीं है जब सूचना के अधिकार के मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी बदनाम हुआ हो, इससे पहले मुख्य सूचना आयोग पंजाब विश्वविद्यालय की इंफोर्मेशन बुक को खारिज करने के आदेश दे चुका है। आरोप था कि अपनी इस किताब में लिखे नियमों की आड़ में विश्वविद्यालय कई ज़रूरी सूचना छुपा रहा था।