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Raj Kumar Makkad (Adv P & H High Court Chandigarh)     11 October 2011

Sacrifice for nation

घटना उस समय की है, जब रंगून में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में भर्ती के लिए लोगों की लंबी कतार लगी थी। हर कोई चाहता था कि नेताजी की फौज में शामिल होकर उनके साथ देशहित में कार्य करे। नेताजी का व्यक्तित्व और कार्य शैली थी ही इतनी आकर्षक और जबर्दस्त।

नेताजी सुभाषचंद्र ने इस अपार जनसमूह को भारत की आजादी के आंदोलन से जुड़ने की प्रेरणा देता उद्बोधन मंच से दिया। जनता ने बड़े उत्साह से उन्हें सुना। अंत में नेताजी बोले - मित्रो, आजादी बलिदान चाहती है, तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।

भीड़ में शामिल लोगों ने जोश में भरकर कहा - नेताजी, आपके एक इशारे पर हम अपना तन, मन और धन भारत मां के चरणों में न्यौछावर कर देंगे। नेताजी बोले - ठीक है दोस्तो। आगे आकर इस शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें। भीड़ में आपाधापी मच गई।

हर कोई हस्ताक्षर कर नेताजी की निगाह में बड़ा बनना चाहता था। कोई हस्ताक्षर करता, इसके पहले नेताजी ने कहा - जो आजादी के लिए सर्वस्व अर्पित करने का दावा करता हो, वह अपने खून से हस्ताक्षर करे। यह सुनते ही बहुसंख्य लोगों के होश गुम हो गए और धीरे-धीरे भीड़ छंटने लगी।

तभी भीड़ में से अचानक 17 लड़कियां आगे बढ़ीं। उन्होंने अपनी कमर से छुरियां निकालकर अपनी अंगुली काटी और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए। सार यह है कि जब बात अपने राष्ट्र के हित से जुड़ी हो तो किसी भी प्रकार के त्याग के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

 
 

विशाल
केशव निवास चंडीगढ़
 



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