Criminal revision petition before dj
Goapl Garg
(Querist) 07 February 2017
This query is : Resolved
आदरणीय श्रीमान,
मेरे अपने भाई ने हमारे परिवार की एक पैतृक व् अविभाजित सम्पति (जिसमे करीब ८-१० हिस्सेदार हैं) मेरी इजाजत, जानकारी व् किसी भी प्रकार के पोवेरनामे के बैगर मेरे नाम का इस्तमाल करते हुए, मुझे उक्त सम्पति का अकेला मालिक दर्शाते हुए व् खुद को मेरा अटर्नी बताते हुए किसी बहु-माफिया को बिक्री कर पैसे ले लिए व् कब्ज़ा दे दिया। उक्त सम्पति मेरे पैतृक गाँव में थी। जानकारी मिलाने पर मैंने उक्त दतावेजो को निस्तारण करने की प्रार्थना की व् अन्य सभी हिस्सेदारों की सहमति से दुबारा कागजात बनाने को कहा जिसको नहीं मन गया, फलस्वरूप मुझे पुलिस रिपोर्ट दर्ज करवानी पडी व् मेरा भाई व् करता को गिरफ्तार किया गया व् उनके खिलाफ धारा ४२०-४६७-४६८-४७१-१२०बी तहत चालान पेश किया गया व् मुंसिफ मजिस्ट्रेट ने उक्त आरोप निर्धारित कर ट्रायल शुरू कर दी। लेकिन पुलिस की सभी कोशिशो के बावजूद फर्जी विक्रेता व् करता ने आसक कागजात पुलिस को नहीं दिए व् खो जाने का बहना किया, लेकिन पुलिस ने नोटरी को बुला कर उसके रजिस्टर की सत्यापित नकल प्राप्त की व् नोटरी को साक्षी बनाया तथा धरा २०१ भी लगाईं। अब दोनों आरोपियों ने जिला जज के पास रिवीजन लगाईं हुयी है व् उनके वकीलजी ने यह दलील पेश की है कि पत्रावली में मूल साक्ष्य तो मौजूद है ही नहीं अत: चार्ज खारिज किये जाय।
श्रीमानजी, कृपया इस प्रकरण में रिवीजन के खारिज होने के कितनी संभावना है और असली दस्तावेज के स्थान पर नोटरी रजिस्टर की सत्यापित कॉपी व् नोटरी का साक्ष्य कितना वजन रखता है ? कृपया बताने की कृपा करे।
Adv. Yogen Kakade
(Expert) 08 February 2017
The facts show that you have a valid and strong case. Collect all those documents necessary for the case and ask your lawyer to press the matter strongly before the court. In this case the intention to cheat since beginning of the transaction is necessary to be proved and you can do it if you go strongly with the case.
Goapl Garg
(Querist) 08 February 2017
श्रीमान- केस डायरी ने इंवेस्टिगेटिंग अफसर ने सभी इक़रारनामो की फोटू कॉपी जमा के हुयी है, व् नोटरी अफसर के रजिस्टर के पेज (जिसमे सभी इकरारनामो का मसौदा अंकित है), उस पन्नो की नोटरी अफसर से सत्यापित कापी हासिल कर लगाईं हुयी है। इसके अलावा स्वयं को गवाह बनाया है, क्या इस स्तिथि में , रिवीजन पिटीशन सुनवाई के दौरान मुलजिम पर लगाए गए व् निर्धारित हुए आरोप को ड्राप किया जा सकता है ? कृपया जानकारी देवे चूँकि हम छोटी जगह से है, व् स्थानीय स्तर पर इस तरह के पेचीदे केस की बहुत गहन जानकारी का आभाव देखा जा रहा है , अत: कुछ मदद करें !