पिता A सेवानिवृत्त और माँ एक गृहिणी है. पिता A के तीन पुत्र S1,S2,S3 और एक बेटी D1 है .पिता A की स्वयं अर्जित संपत्ति कृषि भूमि मध्य प्रदेश मे, प्लॉट और आवासीय घर दिल्ली में है । सभी बच्चों (S1,S2 ,S3 ,D1 ) की शादी हो चुकी है।
बड़ा बेटा S1 मध्य प्रदेश में रह रहा हैं और पिता की जमीन पर खेती कर रहा है पिता को इस पर आपत्ति नहीं है, लेकिन खेती के काम के संबंध में कोई दस्तावेज़ नहीं बनाये गये है ।
बड़े बेटे S1 ने माता - पिता से सारे रिश्ते तोड़ रखे है ओर कृषि भूमि पर सिर्फ खुद का हक जता रखा है ओर कहता है की इसमे S2, S3 और D1 का कोई हक नहीं है। इसके बाद अब S2, S3 ये योजना बना रहे है की दिल्ली वाला प्लॉट ओर आवासीय घर वो दोनों आपस मे बाँट ले ओर उसमे से कोई भी हिस्सा S1 व D1 को न दें। पिता के द्वारा कोई वसीयत या अन्य दस्तावेज़ नहीं बनाये गये है।
इस संबंध मे मेरे सवाल निम्न है:
Q1. इस मामले मे पिता की दृष्टि से सर्वोत्तम संभव समाधान इस परिवार (A ,S2,S3,D1 ) को अपनी मृत्यु तक एकजुट रखने के उद्देश्य से।
Q2. पिता A बड़े बेटे S1 को अगर कुछ भी देना नहीं चाहते है तो क्या करे।
Q3. A,S1,S2,S3, D1 को एक साथ लाने के लिए विभाजन का सबसे अच्छा तरीका क्या है।
Q4. क्या D1 का उसके पिता की संपत्ति में कोई अधिकार बनता है।
Q5. अगर हाँ तो क्या A की मृत्यु के बाद D1 की पिता की संपत्ति में ये अधिकार सामाप्त हो जायेगा।
Q6. बेटी D1 के संपति के अधिकार को सुरक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है।