टैक्स में मिलने वाली छूट वास्तविक एचआरए तक सीमित होती है। किराए से वेतन के 10 फीसदी को कम करने पर बचने वाले किराए के बराबर टैक्स छूट ली जा सकती है। मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और दिल्ली में किराए से मिलने वाली टैक्स छूट वेतन के 50 फीसदी के बराबर और दूसर शहरों में 40 फीसदी के बराबर होती है।
तमाम लोग छोटे शहरों से बड़े शहरों की ओर रुख करते हैं। बेहतरीन लाइफस्टाइल और जॉब के लिए ऐसा होना स्वाभाविक भी है। दीपिका, विभु और आकाश ऐसे ही नौजवान हैं। ये तीनों छोटे शहरों से मेट्रो सिटी आए और अपने नौकरीपेशा में जुट गए। दीपिका को एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिल गई। विभु और आकाश दोनों दोस्त थे एक निजी कंपनी में काम करने लगे। दीपिका ने अपने पति के साथ 15,000 रुपये महीने के किराए पर एक फ्लैट लिया। एक दिन ऑफिस से लौटकर दीपिका ने अपने पति को बताया कि उसके एक मित्र ने उसे बताया है कि वो फ्लैट के किराए पर टैक्स छूट ले सकती है। पर कैसे इसकी जानकारी उसे नहीं थी। इस पर दीपिका के पति ने फौरन अपने एक दोस्त को फोन लगाया। दोस्त ने उनको टैक्स मामलों के जानकार देव के पास भेज दिया।
देव ने उनकी सारी बातें सुनीं। फिर कहा कि आपको पता है कि वह खुद अपने फ्लैट का किराया कितना देता है? दीपिका और उसके पति ने नकारात्मक अंदाज में सिर हिलाया। देव ने खुद ही जवाब दिया, सिर्फ 100 रुपये। दीपिका और उसके पति चौंक गए। देव ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि वो सारे नियम जानता है। इसके बाद देव ने दीपिका की समस्या पूछी। दीपिका ने बताया वो महीने में 15,000 रुपये बतौर किराया देती है। देव ने पूछा कंपनी से एचआरए कितना मिलता है? 16,000 रुपये, सभी एलाउंसेस मिलाकर वेतन करीब 40,000 रुपये होता है, दीपिका ने बताया। देव ने आगे कहा-जानना चाहते हो-तुम्हें टैक्स में कितनी छूट मिल सकती है? देव ने बताया कि किराए से टैक्स में मिलने वाली छूट आयकर अधिनियम की धारा 10(13ए) के तहत मिलती है। टैक्स में मिलने वाली छूट वास्तविक एचआरए तक सीमित होती है। फ्लैट के किराए से वेतन के 10 फीसदी को कम करने पर बचने वाले किराए के बराबर टैक्स छूट ली जा सकती है। मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और दिल्ली में मकान के किराया से मिलने वाली टैक्स छूट वेतन के 50 फीसदी के बराबर और दूसर शहरों में 40 फीसदी के बराबर मिलती है।
दीपिका ने कहा कि ये सब कुछ मेर सिर के ऊपर से जा रहा है। देव ने समझाया कि तुम्हें हर महीने 16,000 रुपये बतौर एचआरए मिलता है और फ्लैट का किराया 15,000 रुपये है। पूरा वेतन 40,000 रुपये है। वेतन का 10 फीसदी 4,000 रुपये हुआ, इसे किराए में से घटाने पर 11,000 रुपये बचते हैं। चूंकि तुम मेट्रो सिटी में रहती हो, इसलिए वेतन की 50 फीसदी टैक्स छूट ली जा सकती है। इस आधार पर 20,000 रुपये तक की छूट मिल सकती है। देव ने आगे बताया कि सभी शर्तो के आधार पर दीपिका को न्यूनतम राशि 11,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से कर योग्य राशि में पूर साल के दौरान 1.32 लाख रुपये की छूट मिलेगी। अब एचआरए के बचे हुए 4,000 रुपये पर टैक्स भुगतान करना होगा।
देव ने बताया कि दीपिका को इस छूट का लाभ लेने के लिए हर महीने अपने मकान मालिक से हाउस रेंट की रसीद लेनी होगी। इसके अलावा हाउस लीज एग्रीमेंट की कॉपी भी अपनी कंपनी को देकर इस छूट का लाभ लिया जा सकता है। अगर कोई 3,000 रुपये से ज्यादा किराया देता है तो उसके लिए किराए के प्रमाणित दस्तावेज जमा करना जरूरी होता है।