पारिवारिक न्यायालय द्वारा 125 सीआरपीसी के अंतरिम भरण-पोषण में रुपए 20000 मेंटिनेस देने का आदेश प्रार्थना पत्र की दिनांक से दिया गया है इस हिसाब से कुल ₹500000 बकाया हो गए हैं पारिवारिक न्यायालय के जज द्वारा मेरे अंतरिम भरण-पोषण में जवाब बंद कर दिया गया था जिसको मैंने अंतरिम भरण-पोषण की बहस पर प्रस्तुत किया इस वजह से जज ने अपने आदेश में लिखा है कि मैंने कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया है और जवाब बंद कर दिया गया है और उसने ₹20000 आदेश कर दिया!
हाई कोर्ट में अपील करने पर हाईकोर्ट ने आदेश को यथावत रखा और कम नहीं किया है अंतरिम आदेश होने से दखल नहीं दिया गया
एक साथ ₹500000 बकाया दिया जाना संभव नहीं है मेरा वेतन कुल ₹60000 है कुछ लोन चल रहे हैंइसके आगे अपील कहां हो सकती है कौन सी धारा में होगी क्या हाईकोर्ट की सिंगल बेंच का आदेश जो 482 सीआरपीसी में दिया गया है उसको डबल बेंच में चैलेंज किया जा सकता है क्योंकि ₹500000 अचानक दिया जाना संभव नहीं है