LCI Learning

Share on Facebook

Share on Twitter

Share on LinkedIn

Share on Email

Share More

K G GUPTA   01 April 2018

Many questions

नमस्कार
मेरा नाम कृष्ण गोपाल गुप्ता है। मैं दिल्ली शिक्षा विभाग में पिछले 11 वर्षों से संस्कृत अध्यापक हूं ।
7 मई 2014 को मेरी शादी हुई। यह शादी नहीं वरन मुझे जान से मार कर मेरी सरकारी नौकरी का सारा पैसा और बना बनाया सुंदर घर छीनने का प्रोफेशनल लोगों का एक पूर्व नियोजित षड्यंत्र था। मेरी पत्नी और ससुराल वालों का उद्देश्य वह घर बिकवा कर उन पैसों से कथित रूप से पत्नी द्वारा नोएडा में लिए गए किसी फ्लैट की होम लोन की किस्त को चुकाना था। पत्नी की धमकियों और अत्याचार से तंग आकर मैंने वह घर शादी के 3 महीने बाद GPA के माध्यम से पूर्ण रुप से बेच डाला, जिस पर मेरी पत्नी ,अपनी मां, बहन और भाई के साथ दिनदहाड़े ताला तोड़कर 17 मई 2015 से जबरन कब्जा किए बैठी है ।मेरी पत्नी ने 9 मई 2015 को CAW सेल श्रीनिवासपुरी में शिकायत दर्ज कराई ।मीडिएशन में उसने 3484000 की डिमांड की और केस करने को बोली। 10 सितंबर 2015 को एसीपी सर के आदेश से मेरी FIR दर्ज हुई ।20 11 2015 को मैंने जमानत लगाई लेकिन डिस्पोज ऑफ कर दी गई। तब 21 जनवरी 2016 को साकेत से पहली अंतरिम जमानत मिली ।तब मेरा केस मीडिएशन में रेफर कर दिया गया लेकिन कोई बात नहीं बनी।16 मई 2016 को मेरी जमानत याचिका साकेत से रिजेक्ट कर दी गई ।3 जून 2016 को मेरी जमानत दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई मुझे Interim protection नहीं दिया गया.। 11 जुलाई 2016 को पहली बार मिला तब से लगातार मेरी अंतरिम जमानत लगभग 2 वर्ष हाईकोर्ट में चल रही है जिसमें अगली तारीख सितंबर 2018 मेंहै।
अब कृपया मुझे यह बताएं कि (1)जब FIR 10 सितंबर 2015 (लगभग ढाई वर्ष पूर्व) हुई तो क्या मेरी FIR की प्रोसिडिंग साकेत कोर्ट में चल रही होगी या नहीं इसका पता कैसे लगाएं
(2)दूसरा पुलिस द्वारा कोई चार्जशीट दाखिल हुई है या नहीं इसका पता कैसे लगाऊं ?आरटीआई लगाऊं या साकेत कोर्ट में संबंधित मजिस्ट्रेट के यहां से पता करूं.
कृपया मेरा मार्गदर्शन करें
(3)जो कि मेरी FIR अभी जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है तो क्या मैं FIR QUESH के लिए लगा सकता हूं क्योंकि मेरी FIR में कहीं कोई स्पेसिफिक एलिवेशन नहीं है. (4)एक बात और बताएं कि मैंने अपना घर शादी के 3 महीने बाद बेचा है तो क्या मेरी पत्नी का उस पर कोई हक लगता है जबकि बच्चा भी कोई नहीं है जिस पर मेरी पत्नी अपनी मां बहन और भाई के साथ उसी घर का दिनदहाड़े ताला तोड़कर जबरन कब्जा किए बैठी है (उसे अपने पति का घर बतhा कर) जिस पर मकान मालिक ने सिविल और क्रिमिनल केस लगा रखा है। (5)यदि कोई क्रिमिनल केस पर एविडेंस स्टेज पर हो और यदि हमें सबूत के तौर पर अपनी पुलिस कंप्लेंट आरटीआई आदि देने हो तो क्या केस में जज साहब को ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स देने पड़ते हैं और यदि हम ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स कोर्ट में ना देना चाहे तो क्या इसका कोई और दूसरा रास्ता है क्या ऐसा कोई मार्ग है कि डॉक्यूमेंट को दिखाकर वापस ले जा सकते हो यदि हां तो उसका क्या प्रोसीजर है इस बारे में मेरा मार्गदर्शन करें।


Learning

 0 Replies


Leave a reply

Your are not logged in . Please login to post replies

Click here to Login / Register