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Sarvesh Kumar Sharma Advocate (Advocacy)     13 October 2009

कैसा लगा:पसंद तो बताओ

जब भी मैके जाती बीबी
अपनी याद कराती बीबी

सबकी किस्मत अलग अलग है
सबको ना मिल पाती बीबी.

नाचें गायें सब बाराती
तब घर में है आती बीबी

होगे राजा तुम जंगल के
सबको डांट लगाती बीबी.

यूँ ही डरने वालों से तो
खाना भी बनवाती बीबी

किस्मत फूटी निकली गर तो
बरतन भी मंजवाती बीबी.

इधर उधर जो नजर फिरे गर
आँखें है दिखलाती बीबी.

साड़ी जेवर ला कर दे दो
प्यार बहुत जताती बीबी.

सुबह सुबह परनाम (प्रणाम) करो जो
दिन भर है मुस्काती बीबी.

सुन्दर कितनी दिखती हो तुम
सुन कर के शरमाती बीबी.

कितना भी मैं लिख दूँ गाथा
हमको अपनी भाती बीबी.

-समीर लाल 'समीर'



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 7 Replies

Swami Sadashiva Brahmendra Sar (Nil)     13 October 2009

very good! dekhen is par munshi ji ke tajurbe ki  kya raay  hai !

Munshi ji ( kachehri ka munshi )     13 October 2009

भइया हम एह पर का राय देई , एह पर सुप्रीम कोर्ट काटजू साहेब वाली नजीर पूरी तरह से लागू होय रही है,  जेहमा कहे हैं की "हम सब भुक्त भोगी हैं " ।


(Guest)

Sharma ji, Aap bibi ke baare me bahut kuch taarif ki. Good one.

 

 

Munshi ji ( kachehri ka munshi )     14 October 2009

तारीफ तो करना ही पड़ेगा  , सुप्रीम कोर्ट ने डांट पिलाई थी    " चैन से रहना है तो बीबी जो कहे वो मानो ".

Sarvesh Kumar Sharma Advocate (Advocacy)     15 October 2009

बIबI,

सुप्रीम कोर्ट सेरना   बीबी से रना


(Guest)

Sharma ji,

Once made equal to man, woman becomes his superior.

Sachin Bhatia (Advocate)     16 October 2009

Good one


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