श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है जिनकी सर्वोत्तम आराधना रुद्राभिषेक के द्वारा की जाती है. "वेद: शिव: शिवो वेद:" - वेद ही शिव हैं ,शिव ही वेद हैं. शुक्ल यजुर्वेद में रुद्राष्टाध्यायी के रूप में भगवान शिव का विशद वर्णन है. रुद्राभिषेक करते समय इसी का पाठ करते हैं. इसके शान्त्यध्याय में सर्वत्र मित्रता भरी दृष्टि से देखने की भावना एवं कामना अखिल विश्व का कल्याण करने वाली है.
ॐ दृते द्रिउंह मा मित्रस्य मा चक्षुसा सर्वाणि भूतानि समीक्षन्ताम । मित्रस्याहं चक्षुषा सर्वाणि भूतानि समीक्षे। मित्रस्य चक्षुषा समीक्षामहे ।। -( रुद्राष्टाध्यायी, शुक्ल यजुर्वेद ). आज पाश्चात्य परंपरानुसार मित्र दिवस है. सबको मित्रदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
मित्रता एवं सौहार्द्रता की वृद्धि करना भारतीय संविधान का भी एक प्रमुख उद्देश्य है जो इसके प्रस्तावना में ही इंगित किया गया है.