रिजेक्शन ऑफ़ केस क्या है ?
Ruchika
(Querist) 22 July 2016
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महाशय,
आप सभी प्रबुद्ध जनों से मैं जानना चाहती हूँ कि रिजेक्शन ऑफ़ केस के क्या मतलब है?
उपरोक्त शब्दावली मेरे एक केस से संबंधित है जिसका विवरण निम्न है.-
महाशय, मेरे भाई की शादी 2013 में हुई पर दुर्भाग्यवश लड़की ने एक-दो दिन बाद ही बड़े ही शर्मनाक आरोप (नपुंसकता) लगा कर नैहर भाग गयी तथा माइके के जिला अदालत में प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज करा दिया तथा विवाह में शामिल सभी सम्बन्धियों को आरोपी बना दिया, जिसकी जानकारी हमलोगों को लगभग एक साल बाद हुई जब घर पर पुलिस पहुँची | इस बीच हमलोगों ने उसे मनाने की लाख कोशिश की कि वह ससुराल लौट आये | खैर जिसका मुख्य मकसद महिला अधिकार कानून का दुरूपयोग कर पैसे वसूलना हो वह कब लौटने वाली थी ? खैर हमलोगों ने बड़ी ही मुश्किल से जमानत हासिल की | इस टेंसन भरे माहौल के कारण मेरे पिताजी को लकवा मार गया तथा एक भाई का निधन हो गया | ये शादी हमारे परिवार के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना साबित हुआ | ये मुश्किल वे ही लोग समझ सकते हैं जिन्होंने इन कुख्यात कानूनों का सामना किया हो | इन अप्रासंगिक कानूनों कि चपेट में न जाने कितने ही परिवार नष्ट-भ्रष्ट हो गए | ये कानून न आदमी देखता है और न औरत, न बुजर्ग और न दिब्यांग और न ही profession (पेशा) और न ही निर्दोष | खैर तीन साल कि लम्बी लड़ाई के बाद जज महोदय का फैसला आया कि लड़की यदि आपके भाई के साथ नहीं रहना चाहती है तो उसे शादी में हुए खर्च का भुगतान करें तभी वह तलाक देकर आपको मुक्त करेगी | यह सत्य है कि दहेज़ रहित शादी होने के बाबजूद हमने जज महोदय के आदेश का सम्मान करते हुए हमने तीन लाख पचास हज़ार रूपये जमीन-जायदाद गिरवी रख कर तथा DD बनाकर कोर्ट में जमा करा दिया | इस बीच हमने दो बार जज महोदय के आदेशानुसार उक्त DD को renew भी करवाया | फिर भी आज तीन साल होने को हैं पर कोई स्पष्ट नतीजा नहीं निकला है | थक-हार कर हमने जब सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय तथा PMO कार्यालय से अपनी दुःख भरी आपबीति सुनायी तथा जल्द फैसले का अनुरोध किया तब जाकर अचानक से लड़की द्वारा दायर केस (दो में से एक केस जो तलाक का था तथा जो कि फैमिली कोर्ट में चल रहा था ) कोर्ट द्वारा "रिजेक्ट करार" दिया गया |
अब यह शब्दांश मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि ये "रिजेक्शन ऑफ़ केस" क्या है ? तथा उक्त केस के सन्दर्भ में इसके क्या मायने है ? जबकि मेरे द्वारा नियुक्त वकील महोदय कह रहे है कि अभी आपका केस खत्म नहीं हुआ है ; दो-दो केस अभी भी चल रहा है | उनका कहना है कि सिर्फ फैमिली कोर्ट का केस खारिज़ हुआ है, क्रिमिनल केस अभी भी चल रहा है जबकि फैमिली कोर्ट के नव नियुक्त जज महोदय का कहना है कि चूँकि केस चालू हुए अठारह माह से अधिक गुजर गया है और इस केस में मैं कोई फैसला नहीं दे सकता इसलिए "फ्रेश चार्ज फ्रेम" करना होगा | मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि कौन सही बोल रहा है और कौन केस को उलझा रहा है? एक जज साहब ने जब पूर्व में फैसला सुना ही दिया है तब फिर से "फ्रेश चार्ज फ्रेम" क्या चीज है तथा इसकी क्या उपयोगिता है ? क्या लोगों को तंग-परेसान करना ही लोगों का काम रह गया है, मैं समझ नहीं पा रही हूँ |
हमें तो इन मुकदमों में पारदर्शिता कि घोर कमी दिखाई देती है और लगता है हमारे देश में कानून का राज न होकर भ्रष्टाचार का राज बन गया है | आम आदमी एक अदद न्याय के लिए बर्षों तक कोर्ट के चक्कर काट-काट कर थक चुका है फिर भी उसे न्याय हासिल नहीं हो पा रहा है | आम टैक्स पेयर के पैसे पर जिनके बल पर आज सारी वैधानिक संस्थाएं चल रही है; वही टैक्सपेयर भीखारी तथा गुलामी जैसी जिन्दगी जीने को मजबूर हैं ; लगता है अंग्रेजो का राज्य अभी ख़त्म होना बाकी रह गया है | लोकतंत्र का राजा रंक तथा रंक ; राजा कि भूमिका ले लिया है | आप लोग प्रबुद्ध जन हैं तथा हमसे ज्यादा इस तथ्य को महसूस कर पा रहे होंगें | हमें लगता है हर प्रबुद्ध भारतीय को इस तरह कि कार्यशैली से शर्मिंदगी महसूस होती होगी पर क्या करे सारे विवस हैं खैर देर-सबेर आने वाले दिनों में यही प्रबुद्ध भारतीय बदलाव के जनक बनेगें, हमें ऐसी उम्मीद है | एक गाँधीजी ने अंग्रेजों को खदेड़ दिया था तो आपलोग 3.5 लाख गाँधीजी हैं क्या आप अंग्रेजीयत को नहीं खदेड़ पाएंगे ? हमें उम्मीद है आप लोग अवश्य बदलाव के जनक बनेंगे |
अतः श्रीमान आप सभी जानकार लोगों से मेरी नम्र विनती है कि हमें समुचित मार्गदर्शन देने का कष्ट करें ताकि हम इस मुश्किल से उबर सकें तथा हमें भी अपने देश के न्याय व्यवस्था का भरोषा तथा गर्व हो सके | मेरा इमेल एड्रेस है tps_hw@rediffmail.com. धन्यवाद |
- रुचिका |
R.K Nanda
(Expert) 22 July 2016
Query too long
adv.bharat @ PUNE
(Expert) 22 July 2016
Fresh charges to be framed as per directive of Honourable court.
Sudhir Kumar, Advocate
(Expert) 23 July 2016
आप सभी कगजाल के साथ वकील से मिलें आप पूरी समस्या यहाँ ब्यान नहीं कर पाएंगी
Rajendra K Goyal
(Expert) 23 July 2016
A sad state of affairs.
Full case file and orders of court need to be referred, discuss with your lawyer.