Querist :
Anonymous
(Querist) 19 July 2018
This query is : Resolved
मेरे दादाजी के तरफ ५ एकर और ३० एकर जमीन थी. मेरे पिताजी को उन्होने वह जमीन दे दि थी. पिताजीके तीन भाई, २ बहन और माताजी ने १९८७ मे रु. ५ के स्टॅम्प पर "हक्क छोड लेख" २ साक्षीदार के सामने लिखवाकर दिया. लेकिन १९८७ मे कोई गव्हर्नमेंट रजिस्ट्रेशन प्रणाली ना होणे कि वजह से उन्होने कुछ प्रोसेस नही कि. अब सण २०१८ मे ७/१२ मे सभी वारस के नाम नजर आ रहे है. दोनो साक्षीदार तथा एक बहन जीवित है बाकी सब मर चुके है आप से यह विनंती है कि हम सभी वारस के नाम कैसे हटाये. क्या हम पिताजी कि जीवित बहन तथा दोनो साक्षीदारोंका "ऍफेडीवीत" अभी करवाते है तो क्या तहसीलदार को अँप्लिकेशन करके सभी वारस के नाम उतरवा सकते है
R.Ramachandran
(Expert) 20 July 2018
Agar huk chod patra registry nahin kiya gaya tho uska koi manyatha nahin. Na ki barabar hai. Islika, sab waris ko sampathi mei hissa milega. 7/12 se, waris ka naam hata nahin sakthe.
Kumar Doab
(Expert) 20 July 2018
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