परिकार चाहिए या नौकरी
PANKAJ TIWARI
(Querist) 16 March 2014
This query is : Resolved
महोदया,
ईस ईमेल के द्वारा में आपका ध्यान उस मुद्दे की तरफ आकर्षित करना चाहता हूँ जिसकी तरफ आज तक सरकार ने न ही शिक्षा विभाग ने और न ही मीडिया ने कोई ध्यान दिया लेकिन आज यह मुद्दा कितने ही परिवारों के लिए एक समस्या बन चुकी है l
में आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ शिक्षा विभाग में कार्यरत महिला प्रबोधक अध्यापकों की तरफ जिन्हें भाजपा की वसुंधरा सरकार ने वर्ष २००८ ने पेराटीचर से प्रबोधक के रूप में नियमित करके कितने ही परिवारों के जीवन को एक नई रोशनी प्रदान की लेकिन बाद में सत्ता परिवर्तन हो गया और इनकी स्थानान्तरण की कोई निति नहीं बन सकी बाद की सरकार ने इस पर कोई भी ध्यान नहीं दिया जिसके आज ६ वर्षों के बाद भी प्रबोधको को कोई राहत नहीं मिल पाई और विशेषकर उन महिला प्रबोधको को जिनकी नियुक्ति उनके विवाह के पहले पेराटीचर के रूप में उनके पीयर में या उसके आस पास हुई थी और उसी विद्यालय में प्रबोधक के रूप में उनका स्थायीकरण कर दिया गया, उसके बाद इनमे से कितनी ही महिला प्रबोधको का विवाह दूसरे जिलो में हुआ पर स्थानान्तरण निति नहीं होने के कारण वे आज तक अपने गृह जिलो में नहीं जा सकी उसका नतीजा यह हुआ की न तो वे अपने परिवार पर नहीं अपनी नौकरी पर ध्यान दे पा रही है और उनके जीवन में कई प्रश्न खड़े हो गए की वो अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाह करे या अपने कैरियर पर ध्यान दे l
जब सरकार ने दूसरे अध्यापकों के स्थानान्तरण के लिए आवेदन मांगे तो यह कहकर प्रबोधको के आवेदन स्वीकार नहीं किये गए की इनकी नियुक्ति उसी विध्यालय के लिए हुई है (संलग्नक-1) लेकिन इनके नियुक्ति पत्र (संलग्नक-2) में कई भी इसका उल्लेख नहीं किया गया था व बाद में यह शर्त लगाना वाकई अनुचित है और संवेधानिक अधिकारों का उलन्घन है l
वही पर जहा आगनबाडी प्रेरको की नियुक्ति की जाति है तो इस चीज का ध्यान रखा जाता है की की अविवाहित युवती की नियुक्ति न हो (संलग्नक-3)और अगर ऐसा होता है तो शादी के बाद उस पद के खाली होने के कारण सारी प्रक्रिया फिर से करनी पड़ती है लेकिन पेराटीचर की नियुक्ति करते वक्त इन सभी बातों का ध्यान नहीं रखा गया और कितनी ही अविवाहित युवतियों को नियुक्ति दे दी गई क्या सरकार को पता नहीं था की इनका विवाह भी होगा और यह अपने ससुराल भी जाएँगी और अगर इनकी नियुक्ति करके इनका स्थायीकरण किया गया है तो इनका स्थानांतरण होना भी प्रासंगिक है व समय की जरुरत है पहले भी राजस्थान पत्रिका ने इस मुद्दे को उठाया था (संलग्नक-4) लेकिन कांग्रेस की सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया है |आज जब राज्य में एक महिला मुख्यमंत्री बनी है तो एक नई उम्मीद जगी है की यह महिला प्रबोधक अपने गृह जिलो में स्थानांतरित होकर अपने परिवार और अपनी नौकरी पर ध्यान दे सकेंगी l
इन प्रबोधको ने भी अपने स्तर पर हर जगह आवेदन किया (मुख्यमंत्री को,शिक्षा मंत्री को,विभाग को) लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला (संलग्नक-5) l
महोदय आपसे यह जानना चाहता हूँ की इस केस को कोर्ट में डाला जा सकता है
Sudhir Kumar, Advocate
(Expert) 17 March 2014
sarkar ko seva niyam badalne ke liye kort badhy nahee kar saktee
Rajendra K Goyal
(Expert) 17 March 2014
Better take up the matter through political stream. Vasundhra ji has again taken over as CM.
T. Kalaiselvan, Advocate
(Expert) 18 March 2014
The policy of the government and its effects can be addressed only through political and media discussions. There is no legal solution for this.