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prabhat shrivas   09 November 2021

Misuse of order 32

प्रतिवादी के द्वारा अपना जावाबदवा प्रस्तुत कर दिए जाने के उपरांत ८ साल बाद उसकी मृत्यु हो गई मामला एक्सपर्टी वादी के पक्ष में हुआ प्रतिवादी ने 9 /13 का आवेदन दिया जो स्वीकार हुआ तब पत्नी व नाबालिक बच्चो को पार्टी बनाया गया लगभग 4 साल तक मामला चला भी, वली की हैसियत से पत्नी ने मामला लड़ा इस बीच वादी साक्ष्य हो गया और प्रतिवादी साक्ष्य हो गया प्रतिवादी साक्ष्य के अंतिम अवसर में प्रतिवादी के द्वारा आवेदन दिया गया कि प्रतिवादी के बच्चे बलिक हो गए है वो अपना पक्ष खुद अलग वकील के माध्यम से रखना चाहते है कोर्ट ने अलाऊ भी कर दिया की आगे की प्रोसेडिंग में भाग ले सकते है । अब केवल फाइनल आर्गुमेंट होना शेष था लेकिन अब वो बच्चे अपना अलग जवाबदवा देने की मांग कर रहे है ऐसे में वादी के द्वारा चलाया गया मामला लगभग 14 वर्ष का निर्रथक हो जाएगा क्योंकि जवाबदाव देने के बाद नए वादकरण बनेंगे नए सिरे से गवाही होगी और तमाम पेचीदगियां आएंगी। २ साल बाद १ बच्चा फिर से बालिक हो जायेगा फिर से ये लोग नया लिखित स्टेटमेंट देने बोलोएँगे और कुल मिलाकर मामला लंबा करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसा कोई केस लॉ या नियंम हो तो जानकारी दे जिससे कि प्रतिवादी को दोबारा जवाबदाव देने का अवसर न मिले ।


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