हाईकोर्ट का फैसला: बेवजह पति का घर छोड़ा तो कोई गुजारा-भत्ता नहीं
मुंबई. यदि पत्नी ने बिना किसी ठोस या उचित कारण के पति का घर छोड़ा है तो उसे गुजारा भत्ता पाने का हक नहीं है। बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच के जस्टिस अभय ठिप्से ने यह व्यवस्था दी है। पति ने ट्रायल कोर्ट में गुजारा भत्ता की याचिका पर चल रही सुनवाई को चुनौती दी थी।
पति के वकील मिलिंद जोशी के मुताबिक दंपती की शादी अप्रैल-2003 में हुई थी। महिला ने शादी के डेढ़ साल बाद ही पति का घर छोड़ दिया था। पति ने उसे इसके लिए उकसाया नहीं था। पति ने उसे घर वापस बुलाने के लिए नोटिस भेजा। इस पर कोई जवाब नहीं मिला तो उसने फैमिली कोर्ट में वैवाहिक अधिकारों को लेकर याचिका दाखिल की। इस बीच, पत्नी ने गुजारा भत्ता हासिल करने के लिए याचिका दाखिल कर दी।
फैमिली कोर्ट ने जुलाई 2006 में पति की याचिका स्वीकार कर पत्नी की अर्जी खारिज कर दी। पत्नी ने वैवाहिक अधिकारों से जुड़े फैसले को चुनौती दी, जो खारिज हो गई। पत्नी ने घर लौटने से इनकार कर दिया तो पति ने क्रूरता के आधार पर तलाक की अर्जी दे दी। 16 मार्च 2009 को तलाक भी मिल गया। लेकिन पत्नी ने फिर गुजारा-भत्ते के लिए आवेदन दे दिया। उसने कहा कि तलाक के बाद उसे गुजारा-भत्ता मिलना चाहिए। इसे खारिज करने के लिए पति ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।
No compensation for divorced, says Bombay High Court